महानगर के डॉग प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। नगर निगम बोर्ड ने कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य करने के साथ पंजीकरण फीस 50 रुपये से बढ़ाकर 5000 कर दी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी की आपत्ति और पशु प्रेमी संगठनों के विरोध के बाद नगर निगम बोर्ड ने पंजीकरण शुल्क घटाकर 1000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया है। निगम के इस फैसले से शहर के डॉग प्रेमियों को राहत मिलेगी।
डॉग पंजीकरण शुल्क को कम करने का कुछ पार्षदों ने विरोध जरूरी किया, लेकिन अधिकांश पार्षदों के रजिस्ट्रेशन फीस घटाने के पक्ष में होने से प्रस्ताव पास हो गया। बीते सप्ताह नगर निगम बोर्ड बैठक में कुत्तों को पालने के लिए रजिस्ट्रेशन की फीस को 10 गुना बढ़ा दिया था। प्रस्ताव में पंजीकरण शुल्क पांच हजार करने के साथ अगर कोई डॉग निगम की सड़क, ग्रीन बेल्ट या फिर पार्क में गंदगी करता मिलता हो तो उसके मालिक पर 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया था।
निगम बोर्ड के इस फैसले का पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने विरोध करते हुए महापौर आशा शर्मा और नगरायुक्त को ई-मेल के जरिए पत्र भेजा था। उन्होंने रजिस्ट्रेशन फीस 50 से बढ़ाकर 5000 करने को व्यवहारिक नहीं होने की बात कही थी। उन्होंने पंजीकरण फीस घटाने और उसे 250 रुपये प्रति तीन साल करने का सुझाव भी दिया था।
इसके अलावा पशु प्रेमी संस्था लिव फॉर एनिमल्स ने फैसले के खिलाफ कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर फीस कम करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने पशु प्रेमियों के बड़ी रजिस्ट्रेशन फीस के चलते डॉग प्रेमियों के उनको छोड़ने का फैसला लेने का हवाला भी दिया था। इसे लेकर नगर निगम की बोर्ड बैठक में रजिस्ट्रेशन फीस के प्रस्ताव पर फिर चर्चा हुई।
चर्चा में फीस को कम करने के लिए विभिन्न पार्षदों ने अपनी-अपनी राय दी। किसी पांच हजार रुपये दो साल तो किसी ने अन्य सुझाव लिए। लेकिन अंत में सहमति से 1000 रुपये प्रति वर्ष रजिस्ट्र्रेशन फीस करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई।
फैसले का स्वागत, पर फीस और कम करने की मांग
नगर निगम बोर्ड के डॉग रजिस्ट्र्रेशन फीस घटाकर 1000 रुपये करने के फैसले का डॉग प्रेमियों ने स्वागत किया है। लेकिन डॉग प्रेमियों ने फीस को और कम करते हुए 300 से 500 रुपये प्रति वर्ष करने की फिर से मांग की है। डॉग प्रेमियों ने अन्य शहरों की तर्ज पर डॉग को घुमाने केलिए अविकसित पार्क का जल्द निर्धारण करने की मांग भी की।