अब ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के प्रोजेक्ट लेट नहीं होंगे। बिल्डरों को इसके लिए अलग खाता खोलना होगा। खाते में खाते से रकम का इस्तेमाल सिर्फ ईडब्ल्यूएस भवनों को बनाने पर ही किया जाएगा। यही नहीं अब बिना ईडब्ल्यूएस भवन बनाए बिल्डरों को उनके प्रोजेक्ट का आंशिक या पूर्णत प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा।
शहर में अधिकांश बिल्डरों ने अपने एलआईजी और एमआईजी फ्लैटों का निर्माण तो कर लिया है, लेकिन तय मानकों के मुताबिक 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस भवनों का निर्माण नहीं किया है। जीडीए वीसी ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। अब उन्होंने ईडब्ल्यूएस भवनों के निर्माण को लेकर बिल्डरों के लिए एस्क्रो खाता खोलना अनिवार्य कर दिया है। इस खाते में ईडब्ल्यूएस भवनों के निर्माण पर आने वाले खर्च की रकम जमा कराई जाएगी। बिल्डरों को इस रकम को प्रोजेक्ट के अन्य हिस्से पर खर्च करने की अनुमति नहीं होगी। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि बिना ईडब्ल्यूएस भवनों को बनाए बिल्डरों को किसी भी सूरत में कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा का कहना है कि बिल्डर को प्रोजेक्ट शुरू करने के दौरान ही बताना होगा कि वह ईडब्ल्यूएस भवन बनाएगा या शेल्टर फीस जमा कराएगा।
अब बिल्डरों को ईडब्ल्यूएस भवनों के लिए खोलना होगा अलग खाता