एक कामकाजी महिला के लिए परिवार और अपनी नौकरी को संभालना बड़ा मुश्किल होता है। यह काम और भी मुश्किल तब हो जाता है, जब पेशा ऐसा हो जहां किसी भी समय बुला लिया जाए और आने-जाने का तय समय न हो। ऐसी ही जिम्मेदारियों को बेहद ही बेहतर तरीके से निभा रही हैं स्वर्णजयंती पुरम की रहने वाली डॉ. रिचा त्रिपाठी।
एक सरकारी अस्पताल में पैथोलॉजिस्ट के पद पर तैनात रिचा त्रिपाठी नौकरी के साथ-साथ न केवल अपने एक साल के बेटे की बेहतर परवरिश कर रही हैं, बल्कि ज्वाइंट फैमिली में सास-ससुर की भी सेवा करती हैं।
मूलरूप से गोरखपुर की रहने वाली डॉ. रिचा त्रिपाठी की शुरूआती शिक्षा गोरखपुर से ही हुई। सिविल इंजीनियर पिता दयाशंकर त्रिपाठी और मां नीता त्रिपाठी का सपना था कि उनकी बेटी डॉक्टर बनें। 12वीं के बाद रिचा ने कानपुर में रहकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी की और 2005 में एमबीबीएस में दाखिला हो गया। पापा को रियल हीरो मानने वाली रिचा ने 2011 में इंटर्नशिप कर 2013 में एमडी की डिग्री पाने के लिए दाखिला लिया और तीन साल में यह डिग्री भी हासिल कर ली। एमडी पैथोलॉजी डा. रिचा त्रिपाठी के पति भी डॉ. प्रभात भारद्वाज भी बाल रोग विशेषज्ञ हैं और गाजियाबाद में उनका अपना क्लीनिक है। 2017 में गाजियाबाद में सरकार अस्पताल में जॉब मिली तो डॉ. रिचा को नई जिम्मेदारी भी मिल गई। अब वह न केवल वर्क प्लेस की बल्कि घर की भी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं। डॉ. रिचा त्रिपाठी अब घर के साथ-साथ एक साल के बेटे और सास मालती शर्मा और ससुर जगमोहन शर्मा को भी वक्त देती हैं। वह बताती हैं कि सुबह सात बजे तक घर और बच्चे का काम पूरा कर वह ड्यूटी पर निकल जाती हैं। सुबह आठ बजे से दोपहर 3 बजे तक वह अपनी अस्पताल की जिम्मेदारियों को निभाती हैं। कभी-कभी मीटिंग के चलते पांच बजे तक ऑफिस के काम में व्यस्त रहती हैं, लेकिन शाम के समय को वह पूरी तरह अपने परिवार और बच्चे को समर्पित कर देती हैं। जितना वह सहयोग करती हैं उतना ही सहयोग उनका परिवार और अधिकारियों का भी मिलता है।
बेटे-परिवार और मरीजों की जिम्मेदारी को संतुलन के साथ संभालती हैं डॉ रिचा