आखिरी सांस तक जीवन का संरक्षण

जज ने कहा, संविधान का अनुच्छेद 21 दोषियों का आखिरी सांस तक जीवन और स्वतंत्रता का संरक्षण करता है। मेरे विचार में यह मामला कानूनी अधिकार दोषी के कानूनी विकल्पों के खत्म होने के अधिकार से जुड़ा है और कोर्ट दोषी के मौलिक अधिकारों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।

निर्भया की मां बोली, अगली तारीख फिर उम्मीद के साथ आऊंगी
मुझे कोर्ट पर भरोसा है। मगर जब डेथ वारंट जारी नहीं हुआ तो मैं अगली तारीख पर इसी उम्मीद और भरोसे के साथ फिर आऊंगी। -निर्भया की मां